सहायता डेस्क

Suxxess FX के FAQ में आपका स्वागत है। यहाँ आपको ट्रेडिंग से जुड़े प्रश्नों के स्पष्ट उत्तर मिलेंगे—शुरू करने से लेकर अकाउंट मैनेजमेंट और प्लेटफ़ॉर्म नेविगेशन तक। हम ट्रेडर्स को ध्यान में रखकर बना प्लेटफ़ॉर्म हैं और हमेशा आपकी सहायता के लिए तैयार हैं।

Suxxess FX पर अकाउंट कैसे बनाऊँ?

नया ट्रेडिंग अकाउंट बनाने के लिए होमपेज पर “Register” पर क्लिक करें, नाम, ईमेल और फ़ोन जैसी आवश्यक जानकारी भरें और निर्देशों का पालन करें।

ड्यू डिलिजेंस प्रक्रिया पूरी करने के लिए किन दस्तावेज़ों की आवश्यकता है?

इस प्रक्रिया के लिए वैध सरकारी पहचान (पासपोर्ट/आईडी कार्ड), पता प्रमाण (यूटिलिटी बिल/बैंक स्टेटमेंट) और आपके निवास देश के अनुसार माँगे गए अतिरिक्त दस्तावेज़ देने होंगे।

मेरे आवेदन को स्वीकृत होने में कितना समय लगता है?

आमतौर पर ऑनबोर्डिंग 24–48 घंटे लेती है, अनुरोधों की संख्या पर निर्भर करता है। स्वीकृति के बाद आपको सूचना मिलेगी और अकाउंट सक्रिय हो जाएगा।

क्या ऑनबोर्डिंग पूरा करने से पहले ट्रेडिंग शुरू कर सकता/सकती हूँ?

लागू कानूनों के अनुसार, Suxxess FX पर ट्रेडिंग से पहले ड्यू डिलिजेंस और ऑनबोर्डिंग पूरा करना अनिवार्य है—यह नियामकीय अनुपालन सुनिश्चित करता है।

पहली बार प्लेटफ़ॉर्म में लॉगिन कैसे करूँ?

रजिस्ट्रेशन के बाद ईमेल से लॉगिन विवरण मिलेगा। लॉगिन पेज पर यूज़रनेम/पासवर्ड डालकर CFD ट्रेडिंग शुरू करें।

डेमो अकाउंट क्या है और इसका उपयोग कैसे करूँ?

डेमो अकाउंट में वास्तविक बाज़ार परिस्थितियों में वर्चुअल फंड्स के साथ बिना जोखिम अभ्यास कर सकते हैं—प्लेटफ़ॉर्म समझें, रणनीतियाँ जाँचें और आत्मविश्वास बनाएं।

लाइव ट्रेडिंग अकाउंट खोलने की न्यूनतम आवश्यकता क्या है?

न्यूनतम $250 जमा आवश्यक है। फ़ंडिंग के बाद आप मार्केट एक्सेस करके CFDs ट्रेड कर सकते हैं।

अकाउंट में फ़ंड कैसे जमा करूँ?

ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन फ़ॉर्म पूरा करते ही, क्लाइंट एरिया के “Deposit” सेक्शन में आपको कई डिपॉज़िट विकल्प मिलेंगे। बैंक ट्रांसफ़र से लेकर विभिन्न ऑनलाइन पेमेंट सेवाओं तक—आप तुरंत फ़ंड जोड़कर बिना देरी ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं।

डिपॉज़िट और विदड्रॉल के लिए कौन-कौन से भुगतान तरीके उपलब्ध हैं?

Succexx FX क्रेडिट/डेबिट कार्ड, ई-वॉलेट्स और बैंक ट्रांसफ़र सहित कई भुगतान तरीकों की पेशकश करता है। अधिक जानकारी के लिए वेबसाइट के निर्दिष्ट पेज को देखें।

डिपॉज़िट/विदड्रॉल की प्रोसेसिंग में कितना समय लगता है?

डिपॉज़िट आमतौर पर तुरंत प्रोसेस हो जाते हैं ताकि आप जल्द ट्रेडिंग शुरू कर सकें। वहीं, विदड्रॉल आपके बैंक व चुने हुए तरीके के अनुसार अधिकतम तीन कार्यदिवस ले सकता है।

डिपॉज़िट या विदड्रॉल पर कोई शुल्क है?

Suxxess FX डिपॉज़िट पर कोई फ़ीस नहीं लेता। हालांकि, आपके पेमेंट प्रोवाइडर या चुने हुए तरीके के आधार पर डिपॉज़िट/विदड्रॉल शुल्क लग सकता है।

अकाउंट प्रकार (Silver, Gold, Platinum, Islamic) कैसे बदलूँ?

Suxxess FX पर अकाउंट टाइप (Silver/Gold/Platinum/Islamic) बदलने के लिए अपने पसंदीदा चैनल से सपोर्ट टीम से संपर्क करें—हम प्रक्रिया में आपकी मदद करेंगे।

पासवर्ड रीसेट या अकाउंट रिकवरी कैसे करूँ?

पासवर्ड भूल गए हों तो लॉगिन पेज पर “Forgot Password” क्लिक करके निर्देशों का पालन करें—ईमेल से नया पासवर्ड सेट करने की जानकारी मिलेगी। अकाउंट एक्सेस में दिक्कत रहे तो सपोर्ट से संपर्क करें।

व्यक्तिगत विवरण (पता, फ़ोन आदि) कैसे अपडेट करूँ?

विवरण अपडेट करने के लिए क्लाइंट एरिया में लॉगिन करें, अकाउंट सेटिंग्स में जाकर पता, फ़ोन और अन्य जानकारी संपादित करें। आवश्यकता होने पर कंपनी अतिरिक्त प्रमाण मांग सकती है।

Suxxess FX पर किन मुद्राओं का उपयोग कर सकता/सकती हूँ?

SUXXESS FX आपके ट्रेडिंग अकाउंट के लिए कई बेस करेंसी सपोर्ट करता है—सेटअप के समय अपनी आवश्यकता के अनुसार चुनें।

प्लेटफ़ॉर्म पर ट्रेड कैसे करूँ?

ट्रेड करने के लिए लॉगिन करें और इच्छित एसेट चुनें। आप CFDs (Contracts for Difference) ट्रेड करेंगे—यानी बिना मूल एसेट के मालिक बने कीमत की चाल पर सट्टा। ट्रेड साइज चुनें, ज़रूरत हो तो लीवरेज समायोजित करें, स्टॉप-लॉस/टेक-प्रॉफ़िट सेट करें, फिर “Buy” (लॉन्ग) या “Sell” (शॉर्ट) क्लिक करें और रीयल-टाइम में मॉनिटर करें।

लीवरेज क्या है और इसका उपयोग कैसे करूँ?

लीवरेज कम पूंजी से बड़ा पोज़िशन नियंत्रित करने देता है; लाभ के साथ जोखिम/हानि भी बढ़ती है—इसे सावधानी से अपनी रणनीति के अनुरूप चुनें।

स्टॉप-लॉस और टेक-प्रॉफ़िट कैसे सेट करूँ?

स्टॉप-लॉस/टेक-प्रॉफ़िट जोखिम सँभालने और संभावित लाभ सुरक्षित करने में मदद करते हैं; गलत सेटिंग से हानि भी बढ़ सकती है। ऑर्डर देते समय ऑटो-एग्ज़िट के लिए वांछित प्राइस स्तर चुनें; वोलैटिलिटी में इन्हें बाद में समायोजित कर सकते हैं।

Suxxess FX पर किन बाजारों/एसेट्स (स्टॉक्स, फ़ॉरेक्स, क्रिप्टो आदि) में ट्रेड कर सकता/सकती हूँ?

SUXXESS FX कई बाज़ारों—स्टॉक्स, फ़ॉरेक्स, क्रिप्टो, कमोडिटीज़, मेटल्स, इंडाइसेज़—में सैकड़ों CFD एसेट्स का एक्सेस देता है, जिससे विविध अवसर मिलते हैं।

लाइव कीमतें और ट्रेंड कैसे ट्रैक करूँ?

Suxxess FX प्लेटफ़ॉर्म पर लाइव कीमतें/ट्रेंड रीयल-टाइम अपडेट होते हैं। हमारे चार्टिंग टूल्स से मूवमेंट ट्रैक करें और इंडिकेटर्स से विश्लेषण कर सूचित निर्णय लें।

मार्जिन कॉल क्या है और यह कैसे काम करती है?

जब आपके फंड आवश्यक मार्जिन स्तर से नीचे जाते हैं, तो मार्जिन कॉल आती है—प्लेटफ़ॉर्म अधिक धन जोड़ने या कुछ ट्रेड बंद करने का संकेत देता है ताकि बैलेंस बहाल हो और जोखिम नियंत्रित रहे।

प्लेटफ़ॉर्म के चार्टिंग टूल्स कैसे उपयोग करूँ?

Suxxess FX (TradingView द्वारा संचालित) में एसेट चुनकर चार्ट खोलें; इंडिकेटर्स, ड्रॉइंग टूल्स और टाइमफ़्रेम लगाकर विश्लेषण करें।

क्या मैं अलग-अलग डिवाइस (डेस्कटॉप/लैपटॉप/मोबाइल) पर CFDs ट्रेड कर सकता/सकती हूँ?

हाँ, WebTrader के जरिए डेस्कटॉप/लैपटॉप/मोबाइल पर CFDs ट्रेड कर सकते हैं—यह लचीलापन कहीं भी अवसर न चूकने देता है; मोबाइल इंटरफ़ेस सहज अनुभव देता है।

प्लेटफ़ॉर्म पर ऐतिहासिक डेटा और मार्केट विश्लेषण कैसे देखें?

एसेट चुनकर चार्ट का टाइमफ़्रेम (दैनिक से मासिक) बदलें और पिछला प्रदर्शन देखें; प्लेटफ़ॉर्म में गहन मार्केट विश्लेषण भी एकीकृत है। ध्यान दें: पिछला प्रदर्शन भविष्य की गारंटी नहीं।

ट्रेडिंग डैशबोर्ड को कैसे कस्टमाइज़ करूँ?

Suxxess FX में आप विजेट जोड़/हटा सकते हैं, वॉचलिस्ट व्यवस्थित कर सकते हैं और चार्ट लेआउट सेट कर सकते हैं—आपका डैशबोर्ड पूरी तरह आपकी पसंद के अनुसार।

लॉगिन न हो पाने पर क्या करूँ?

सबसे पहले यूज़रनेम/पासवर्ड जाँचें; भूल गए हों तो “Forgot Password” लिंक से रीसेट करें। इंटरनेट कनेक्शन स्थिर है या नहीं, यह भी देखें; समस्या रहे तो कस्टमर सपोर्ट से संपर्क करें।

कस्टमर सपोर्ट टीम से कैसे संपर्क करूँ?

आप 24/5 लाइव चैट, ईमेल और फ़ोन सहित कई चैनलों से सपोर्ट टीम से संपर्क कर सकते हैं—हेल्प सेंटर या क्लाइंट एरिया से सीधे पहुँचें।

प्लेटफ़ॉर्म स्लो/लोडिंग समस्या कैसे सुलझाऊँ?

प्लेटफ़ॉर्म धीमा हो तो पहले इंटरनेट कनेक्शन जाँचें—स्थिर तेज़ कनेक्शन आवश्यक है। फिर ब्राउज़र कैश/कुकीज़ साफ़ करें या दूसरा ब्राउज़र आज़माएँ। समस्या बनी रहे तो तकनीकी सपोर्ट से संपर्क करें।

प्लेटफ़ॉर्म पर कैश और कुकीज़ कैसे साफ़ करूँ?

कैश और कुकीज़ साफ़ करने से प्लेटफ़ॉर्म की परफ़ॉर्मेंस समस्याएँ घट सकती हैं। अधिकतर ब्राउज़रों में यह विकल्प “Settings” या “Privacy” में मिलता है। कैश्ड डेटा और कुकीज़ क्लियर करें और प्लेटफ़ॉर्म रीलोड करें। WebTrader उपयोग करने पर यह कनेक्शन रिफ़्रेश कर गति बढ़ाने में मदद करता है।

ट्रेड एक्ज़ीक्यूट न हो तो क्या करूँ?

यदि ट्रेड निष्पादित नहीं होता, कारण अपर्याप्त मार्जिन, बाज़ार वोलैटिलिटी या अस्थायी प्लेटफ़ॉर्म समस्या हो सकता है। पहले अपने अकाउंट का मार्जिन और एसेट की मौजूदा ट्रेडिंग स्थिति जाँचें। सब ठीक लगे और समस्या बनी रहे तो तुरंत सपोर्ट टीम से संपर्क करें।

प्लेटफ़ॉर्म पर तकनीकी समस्या/बग कहाँ रिपोर्ट करूँ?

प्लेटफ़ॉर्म इस्तेमाल करते समय कोई तकनीकी समस्या या बग मिले तो लाइव चैट या ईमेल के माध्यम से सीधे हमारी टेक्निकल सपोर्ट टीम को रिपोर्ट करें—कृपया जितना संभव हो उतना विवरण दें ताकि हम शीघ्र समाधान कर सकें।

CFD ट्रेडिंग क्या है?

CFD (Contracts for Difference) एक ऐसा वित्तीय उत्पाद है जिसमें आप मूल संपत्ति के मालिक बने बिना उसकी कीमतों की चाल पर सट्टा लगाते हैं—ओपन और क्लोज़ के बीच के भावांतर का निपटान होता है। कीमत अनुकूल चली तो लाभ, विपरीत चली तो हानि। CFDs फॉरेक्स, स्टॉक्स, कमोडिटीज़, इंडाइसेज़ और क्रिप्टो जैसे कई बाज़ारों में उपलब्ध हैं।

CFDs और पारंपरिक ट्रेडिंग में क्या अंतर है?

मुख्य अंतर स्वामित्व है—पारंपरिक ट्रेडिंग में आप असल एसेट के मालिक बनते हैं; CFDs में केवल कीमत की चाल पर ट्रेड होता है। CFDs में लीवरेज मिलता है जिससे कम पूंजी में बड़ी पोज़िशन खुल सकती है—लाभ/हानि दोनों बढ़ते हैं। आमतौर पर CFDs छोटी अवधि/सट्टात्मक रणनीतियों में, जबकि पारंपरिक ट्रेडिंग दीर्घकालिक निवेश पर अधिक केंद्रित रहती है।

फ़ॉरेक्स CFD ट्रेडिंग क्या है?

फ़ॉरेक्स में वैश्विक मुद्रा बाज़ार में करेंसी पेयर्स की ख़रीद-बिक्री होती है—यह सबसे बड़ा व तरल बाज़ार है। एक्सचेंज रेट के उतार-चढ़ाव पर सट्टा लगाकर अवसर बनाए जाते हैं। बाज़ार 24/5 चलता है और आर्थिक डेटा, भू-राजनीति व केंद्रीय बैंक नीतियों से प्रभावित होता है; स्टॉक/कमोडिटी से अलग यह पूरी तरह मुद्राओं पर केंद्रित है।

CFD ट्रेडिंग में लीवरेज कैसे काम करता है?

लीवरेज आपको कम पूंजी में बाज़ार में बड़ी पोज़िशन नियंत्रित करने देता है। उदाहरण के लिए, यदि आपका ब्रोकर 1:100 लीवरेज देता है, तो हर $1 जमा पर आप $100 मूल्य की संपत्ति नियंत्रित कर सकते हैं। सावधानी ज़रूरी है: यह संभावित लाभ और हानि—दोनों—को बढ़ा देता है। लीवरेज आपके खाते की ख़रीद क्षमता बढ़ाता है, लेकिन जोखिम भी बढ़ाता है, क्योंकि छोटी-सी बाज़ार चाल भी बैलेंस पर बड़ा असर डाल सकती है। इसलिए लीवरेज सोच-समझकर और जोखिम को पूरी तरह समझकर ही उपयोग करें।

CFD ट्रेडिंग में मार्जिन क्या होता है?

मार्जिन वह राशि है जो CFD ट्रेडिंग में लीवरेज्ड पोज़िशन खोलने और बनाए रखने के लिए चाहिए। यह मूलतः एक जमा (ट्रेड साइज के अंश के रूप में) होता है जिसे ओपन पोज़िशन सपोर्ट करने हेतु खाते में रखना पड़ता है। मार्जिन स्तर एसेट और लीवरेज अनुपात पर निर्भर करता है। यदि पोज़िशन उलटी चलें और मार्जिन स्तर तय सीमा से नीचे जाए तो मार्जिन कॉल आ सकती है, जिसमें अतिरिक्त धन जोड़ने या कुछ पोज़िशन बंद करने के लिए कहा जाता है।

स्टॉप-लॉस और टेक-प्रॉफ़िट ऑर्डर क्या हैं?

स्टॉप-लॉस और टेक-प्रॉफ़िट ट्रेडिंग में जोखिम प्रबंधन की अहम टूल्स हैं। स्टॉप-लॉस तय स्तर पर पहुँचते ही पोज़िशन अपने-आप बंद कर देता है ताकि आगे की हानि रुके। टेक-प्रॉफ़िट निर्धारित लाभ स्तर पर पोज़िशन बंद कर देता है। ये दोनों मिलकर वोलैटिलिटी और भावनात्मक निर्णयों से दूर रहकर आपकी योजना का पालन कराने में मदद करते हैं।

फ़ॉरेक्स ट्रेडिंग में स्प्रेड क्या होता है?

स्प्रेड करेंसी पेयर की बाय (आस्क) और सेल (बिड) कीमत का अंतर है—यही मूलतः ब्रोकर की ट्रेड निष्पादन लागत होती है। बाज़ार स्थितियों पर निर्भर करते हुए स्प्रेड फिक्स्ड या वैरिएबल हो सकता है। टाइट स्प्रेड का मतलब कम लागत; वाइड स्प्रेड अक्सर कम लिक्विडिटी या अधिक वोलैटिलिटी दर्शाता है। स्प्रेड ब्रेक-ईवन को प्रभावित करता है, इसलिए ट्रेड की संभावित लागत आँकते समय यह प्रमुख कारक है।

स्वैप और ओवरनाइट फ़ीस कैसे काम करती है?

स्वैप/ओवरनाइट फ़ीस वे ब्याज शुल्क या क्रेडिट हैं जो रातभर रखी गई CFD पोज़िशनों पर लगते/मिलते हैं। इनकी गणना करेंसी पेयर के ब्याज दर अंतर (फ़ॉरेक्स) या अन्य बाज़ारों में कॉस्ट ऑफ़ कैरी के आधार पर होती है। ट्रेडिंग दिवस के अंत (रोलओवर) के बाद, आपकी लॉन्ग/शॉर्ट स्थिति और दर अंतर के अनुसार फ़ीस क्रेडिट या डेबिट होती है।

लॉन्ग (खरीद) और शॉर्ट (बेच) पोज़िशन क्या हैं?

CFD ट्रेडिंग में लॉन्ग (खरीद) का मतलब है कि आप कीमत बढ़ने की अपेक्षा करते हैं—बढ़ने पर ऊँचे दाम पर बेच सकते हैं। शॉर्ट (बेच) में आप गिरावट पर दांव लगाते हैं—अभी बेचते हैं और बाद में कम दाम पर वापस खरीदने का लक्ष्य रखते हैं। CFDs बढ़ते और गिरते दोनों बाज़ारों में अवसर बनाने की लचीलापन देते हैं।

वोलैटिलिटी क्या है और यह बाज़ारों को कैसे प्रभावित करती है?

वोलैटिलिटी समय के साथ किसी एसेट की कीमत में होने वाले बदलाव की डिग्री है। उच्च वोलैटिलिटी में कीमतें तेज़ और अप्रत्याशित रूप से बदलती हैं; कम वोलैटिलिटी में चाल अपेक्षाकृत स्थिर रहती है। इसे अक्सर बाज़ार समाचार, आर्थिक आँकड़े या भू-राजनीतिक घटनाएँ प्रभावित करती हैं।

हाँ, हम आपकी भाषा बोलते हैं

हाँ, हम आपकी भाषा बोलते हैं

हमारी बहुभाषी सपोर्ट टीम आपकी मदद के लिए तैयार है—क्योंकि Suxxess FX में आप हमारी प्राथमिकता हैं। चाहे आपको मार्गदर्शन चाहिए या बस थोड़ी-सी मदद, हम सुनिश्चित करते हैं कि आपकी बात सुनी जाए।

समर्पित सहायता

नमस्ते, प्रिय ट्रेडर! आज हम आपकी किस तरह मदद कर सकते हैं?